बेरोजगारी की अंतिम दवा : Solution over Unemployment in India
आज
मैं अंग्रेजी में
नहीं लिखूंगा और
नाही मेरी मराठी
मातृभाषा में l आज में
आपसे बात करूंगा
हिंदी राष्ट्रभाषा में,
क्योंकि बेरोजगारी किसी एक
राज्य की समस्या
नहीं है l बेरोजगारी
आज भारत देश
की समस्या बनचुकी
है l मैं खुद
एक सिविल इंजीनियर
हूँ (Diploma + Degree) l मुझे
याद है जब
मैंने २०११ में
डिप्लोमा (सिविल
इंजीनियरिंग) के लिए
प्रवेश लिया था,
तब डी.एड.
/ बी.एड. का
मतलब बेरोजगारी बनचुका
था l उनपर कई
चुटकुले बनने लगे
थे l लेकिन आज
वही हाल इंजीनियरिंग
क्षेत्र का हो
गया है l डी.एड. / बी.एड.
वालो की खिल्ली
तो सिर्फ TEXT मैसेज
तक ही सिमित
थी l लेकिन इंजीनियरिंग
का मजाक तो
Whatsapp से लेकर Youtube तक उडाया
जाता है l अब
जब हम अपने
आसपास देखते है
तो आपको नजर
आयेगा की, ये
बेरोजगारी का लेबल
अब सभी क्षेत्रों
पर लग रहा
है l आज इंजीनियर,
डॉक्टर्स, वकील आदि
क्षेत्रों में पढ़ने
वाले ज्यादातर बच्चे
पैसा और समय
खर्च कर के
बेरोजगार बन रहे
है l
बेरोजगारी
बढ़ रही है,
तो क्या इसका
मतलब यह है
की हमारे देश
में; हमे ही
काम करने के
लिये काम नहीं
? नहीं, समस्या इस देश
की नहीं l हमरा
देश तो आज
भी विकसनशील देश
है l आज भी
कई काम करने
बाकि है, लेकिन
हमारी समस्या है
"सरकारी नौकरी" l आज़ादी के बाद
भी ज्यादातर माँ
बाप चाहते है
की, उनका बेटा/बेटी सरकारी
“नौकर” बने l लेकिन कुछ
लोग थोड़ा हटके
सोचते है, वे
चाहते है की
किसी बड़ीसी कंपनी
में नौकर ही बने l देखा जाये तो
यह सही भी
है l लेकिन सिर्फ
तब, जब आपको
सरकारी या किसी
कंपनी में नौकरी
करते समय आपके
काम की सही
तन्खा मिले l कोई
भी बच्चा हो
जब उसके माता
पिता बैंक का
लोन, लोगो से पैसे उधार लेकर और अपना पेट
काटकर इंजीनियर बनाते है l उसे आज के तारीख में कमसे कम ५ लाख से १० लाख सिर्फ शिक्षा
में ही लगते है l यही इंजीनियर किसी कंपनी में ८ हजार से १५ हजार की ८ घंटे या
फिर उससे भी ज्यादा की नौकरी करता है l मजे की बात ये है की, उसका किसी बड़े शहर में
जिन्दा रहने का खर्चा ही ६ हजार से ८ हजार का होता है l और अगर गलती से अगर शादी हो
जाये तो, यही खर्चा जिन्मेदारियों के साथ दो गुना या तीन गुना बढ़ जाता है l
तो
अब हम बात
करते है सरकारी
नौकरी की l इस
बात में संदेह
नहीं है की
भारत में सरकारी
नौकरी सबसे सुरक्षित
जिंदगी जीने का
मार्ग है l लेकिन वो
सब सरकारी नौकरी मिलने के
बाद, क्योंकि आज
एक सरकारी पद
के लिए कितने
उमेदवार अपनी “किसमत आजमाते
है” ये महा
आंकड़ा आप सरकरी
websites से प्राप्त कर सकते
हो l और इन
सबके बावजूद, सरकारी
नौकरी के लिए
हो रहे भ्रष्टाचार
तथा परीक्षा के
समय हो रहे
नक़ल के कई
मामले अब सामने
आ रहे है l अब इस बात
का फायदा राजनितिक
पक्ष उठा रहे
है l कई राजनितिक
पक्ष आपसे आंदोलन
और मोर्चो में
हिस्सा लेने को
बोल रहे है l चलो मान लिया
की अपने हक्क
के लिए लड़ना
भी चाहिये, लेकिन
उन्ह आंदोलन और
मोर्चो का आपको
लाभ कब होंगा? तो क्या
अब आपको पढाई
छोड़कर “न्यूज़ चैनल की
TRP” बढ़ानी है?
ये
सब पढ़ने के
बाद आप लोगो
कहोंगे की, "सर, बस
बहोत हो गया
अब इस समस्या
का हल भी
बताओ l वरना ये
आर्टिकल पढ़ने से
अच्छा मैं PUBG खेल
लेता l" दोस्तों,
सबसे पहले मैं
ये बतादूँ की
सरकरी नौकरी या
किसी अच्छी कंपनी
में नौकरी करना
कोई बुरी बात
नहीं है l आपका
सबसे पहला प्रयास
तो सरकारी नौकरी
ही होना चाहिये,
क्योंकि देश को
ईमानदार और मेहनती
लोगो की जरुरत
है l लेकिन, मुझे
लगता है की
इसकी एक समय
सिमा होनी चाहिये l ज्यादा से ज्यादा
४ से ५
साल सरकारी नौकरी
के लिए ईमानदारी
के साथ कठोर
परिश्रम (पढाई) कीजिये l लेकिन
अगर आपको पता
है की ये
मेहनत आप नहीं
कर सकते हो,
तो फिर अपना
वक्त और माता
पिता का भरोसा
बेफिज़ूल में बर्बाद
करना छोड़ दीजिये l और
हो सके तो
किसी छोटी-मोटी
कंपनी में काम
कीजिये l अब आप
लोगो कहोंगे की,
आपने ही लिखा
है: कंपनी में
कम पैसो के लिये काम नहीं
करना l अगर आप
फ्रेशर हो, तो
फिर आपको पैसो
के लिये काम
ही नहीं करना
है l आपको काम करना है अनुभव
के लिये, अपनी
पहचान बढ़ने के
लिये l और एक
बात हमेश याद
रखना: अगर आपको
उस काम का
अनुभव आचुका है
और अब आपकी
तन्खा अगर कम
है तो फिर
उस काम को
छोड़ने में ही
भलाई है l क्योंकि
उस अनुभव और
लोगो की पहचान
के जोर पर
आप खुद का
बिज़नेस खड़ा कर
सकते हो l
दोस्तों,
बेरोजगारी पर सिर्फ
एक ही हल:
"खुदका बिज़नेस" और अगर
बिज़नेस ये शब्द
सुनते ही आपके
पसीने छूट रहे
है तो थोड़ा
रुकिये l देखिये, ज्यादातर लोग
कहेंगे की, "Business is Risk." तो आप
ही मुझे बताईये,
किसी सरकारी नौकरी
में एक या
दो अंको से
अपात्र होना Risk नहीं है
? किसी सरकारी नौकरी के
लिये अपने घर
से सालो तक
दूर रहना और
सरकारी नौकरी मिलेगी इस
की कोई गांरन्टी
नहीं, तो क्या
ये Risk नहीं है
? अगर देखा जाये
तो सरकारी नौकरी
और बिज़नेस, दोनों
Risk नाम के सिक्के
के दो पेहलु
है l और मैं
कहा बता रहा
हूँ की, बिना
सोचे समझे बिज़नेस
शुरू कीजिये l और
बिज़नेस का मतलब
आपको एक ही
दिन में गूगल
की कंपनी खड़ी
करना नहीं है l शुरुवात छोटेसे कदम से
कीजिये l हो सके
तो आपका बिज़नेस
आपके पढाई के
साथ मेल खाता
हो कुछ इस
तरहा का होना
चाहिये l लेकिन अगर बिज़नेस आपके
पढाई से मेल
ना खाये तो
भी चलेंगा, लेकिन
आप के पसंद
का और कानूनन
सही होना चाहिये l और अब आप
पूछेंगे की पैसे
कहा से लाये
? लेकिन मैं आपसे
पूछता हु: क्या
आपने कभी किसी
से पूछा है
या फिर कभी
खुद जानकारी ली
है की, मुद्रा
लोन क्या है?
भारत में किसी
भी बड़े कंपनी
की शुरवात कैसे
हुई है? चलो
जाने दो, जवाब
यह है की:
छोटी रकम से
छोटा बिज़नेस शुरू
करना है l और
छोटी रकम जमा
करना कोई असंभव
बात नहीं है l बस आपको बिज़नेस
शुरू करने से
पहले कुछ बातों
का ध्यान रखना
है: (Read This article:Before Starting A Business: Answer to Seven Questions) देखिये दोस्तों, आप
में से कई
लोगो को लगेगा
की इतना सारा
लिखने में मेरा
कितना समय बर्बाद
हुआ होंगा l लेकिन
सच्चाई ये है
की, मैंने तो अपनी
राय आपके सामने
रख दी है
l हो सके तो
आप इस
आर्टिकल से खुदका
भला कीजिये, धन्यवाद l
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